
आइये जानते हैं क्यूँ मनाई जाती है हनुमान जयंती
जय श्री राम दोस्तों क्या अपने ऐसा कभी सोचा है कि जो भक्त श्री राम के बिना खुद को अधूरा मानता था जिनकी शक्ति से स्वं काल भी डरता था आइये जानते हैं उस महापुरुष की कहानी उनकी जयंती को हम हनुमान जयंती के रूप में मनाते हैं
त्रेता युग में जब धरती पर अधर्म का अंधकार फ़ैल रहा था तब भगवान शिव ने अपने अंश को धरती पर भेजने का निश्चय किया माता अंजनी और केसरी के पुत्र के रूप में पवन देव के आशीर्वाद से हनुमान जी का जन्म हुआ हनुमान जी के जन्म का उद्देश्य भगवान श्री राम जी की सहायता करना और अधर्म का नाश करना था इसलिए उन्हें अमरत्व और अपार शक्ति का वरदान मिला क्या आपने वो अद्भुत कथा सुनी है जिसमे बाल हनुमान ने उगते हुए सूरज को एक लाल फल समझ कर निगल लिया था इससे पूरे ब्रह्माण्ड में अन्धकार फैल गया था इन्द्र देव ने घबराकर अपने बज्र से उन पर प्रहार किया था जिससे उनकी ठोड़ी पर चोंट लगी और तभी से बे हनुमान कहलाने लगे बाद में देवताओ ने उन्हें अम्र्ता बल बुद्धि और अपार शक्ति का वरदान दिया भगवान हनुमान का सम्पूर्ण जीवन भक्ति शक्ति और सेवा का उदाहरण है जब भगवान श्री राम से उनकी भेंट हुई तो उन्होहने स्वं को भगवान श्रीराम के चरणों समर्पित कर दिया सीता माता की खोज से लेकर लंका दहन तक हर कार्य में हनुमान जी ने अपनी भक्ति और शक्ति का परिचय दिया संजीवनी बूंटी लाकर लक्ष्मण जी जीवन दान देने की कथा आज भी अमर है श्रीराम कथा के हर मोड़ पर हनुमान जी ने यह सिद्ध किया सच्चे समर्पण और भक्ति में अनमोल शक्ति होती है हनुमान जयंती हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है यह पर्व चैत्र माह की पूर्णिमा पूरे भारत में श्रद्धा और भक्ति के रूप में पूर्ण उत्शाह के साथ मनाया जाता है इस दिन भक्त विशेष पूजा अर्चना करते हैं हनुमान चलीषा और सुन्दरकाण्ड का पाठ भी करवाते हैं कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी की आराधना से जीवन के सारे शंकट दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को अपार शक्ति और साहस प्राप्त होता है हनुमान जी की पूजा विधि इस प्रकार है
सुबह नहा धोकर और लाल वस्त्र पहनकर हनुमान जी को चमेली का तेल और सिन्दूर अर्पित कर हनुमान चालीषा या सुन्दरकाण्ड और रामायण का पाठ करे वेशन के लड्डू और गुड चना का भोग लगाये शाम को हनुमान मंदिर में दीप जलाकर आरती करे ये सभी विधियाँ आपकी भक्ति को और मजबूत करती हैं और हनुमान जी की क्रपा आप पर सदैव बनी रहती है
हनुमान जी से क्या सीखना चाहिए ?
हनुमान जयंती केवल एक पर्व नहीं बल्कि हमें जीवन की कई महत्वपूर्ण सीखें भी देता है जैसे हनुमान जी से हम सीखते है की भक्ति करने से हमें असीम शक्ति का लाभ मिलता है सच्चे समर्पण से हर कार्य संभव है निस्वार्थ सेवा ही सच्ची भक्ति है आत्मविश्वाश और द्रहनिश्चय से हर वाधा को टाला जा सकता है अगर हम हनुमान जी इन गुणों को अपनाये तो जीवन की हर मुस्किल को आसानी से पार किया जा सकता है
हनुमान जयंती का सन्देश
हनुमान जयंती केवल हनुमान जी के जन्म की याद नहीं दिलाती बल्कि भक्ति समर्पण और सेवा का सन्देश भी देती है इस दिन हमें संकल्प लेना चाहिये कि हमें हनुमान जी तरह निस्वार्थ सेवा सच्चा भक्त बनने सन्देश देता है